कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार एनपीएस में सुधार करके उसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) बना चुकी है। लेकिन इस से कर्मचारियों में संतोष नहीं है, जिसकी वजह से केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी संगठन अपने-अपने हिसाब से पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
आपको बताते चलें कि एनएमओपीएस द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु देश के सभी जिला मुख्यालयों पर 26 सितंबर को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा नवंबर महीने की 17 तारीख को केंद्रीय कर्मचारी संगठन नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के लिए नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की रैली आयोजित करेगा। AINPSEF के दावों के अनुसार राज्यों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने का रास्ता साफ हो चुका है। वहीं केंद्र सरकार के पास अब एनपीएस फंड फंसा हुआ है।
91 लाख केंद्रीय कर्मचारी और राज्य कर्मचारी कर रहे आंदोलन
AINPSEF के अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह पटेल के अनुसार राज्य सरकार अब बिना किसी रोक के OPS लागू कर सकती हैं। वहीं इसके लिए देश भर में 91 लाख केंद्रीय और राज्य कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इन संगठनों के आंदोलन को देखते हुए केंद्रीय सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करने पर सोचना होगा।
सरकार ने UPS के रूप में रखा नया मसौदा
24 अगस्त 2024 को केंद्र सरकार की तरफ से लाई गई यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन ₹10000 और महंगाई भत्ते की गारंटी के साथ देने की बात कही है। इसके अलावा 25 वर्ष की सेवा करने पर ओल्ड पेंशन स्कीम के अनुसार ही 50% पेंशन देने के बाद कर दी गई हालांकि इस स्कीम से गारंटीड पेंशन की समस्या खत्म हो गई है। लेकिन सरकार की तरफ से कर्मचारियों के अंशदान को भी सरेंडर करने की बात कही गई।
सरकार ने यूपीएस के तहत पुरानी पेंशन का खोल दिया रास्ता
हालांकि UPS के रास्ते केंद्र सरकार ने यह नियम बना दिया कि कर्मचारियों के सेवानिवृत होने पर ओल्ड पेंशन योजना के अनुसार के पेंशन प्रदान की जाए, और इससे राज्य सरकारें ओल्ड पेंशन स्कीम को अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू कर सकती है।